कलेक्टर कैसे बने – कार्य, सैलरी, योग्यता और एग्जाम पैटर्न।

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केंद्र सरकार हर एक जिले में विभिन्न प्रशासनिक उद्देश्यों को संभालने के लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टरों की नियुक्ति करती है। कलेक्टर एक राज्य में सर्वोच्च सरकारी अधिकारी होता हैं जो राजस्व संग्रह, कर निर्धारण और कानून व्यवस्था बनाए रखने जैसे विभिन्न कार्यों को संभालने के लिए जिम्मेदार होता है। यदि आपका सपना भी कलेक्टर बनने का है तो आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल में Collector Kaise Bane की पूरी जानकारी हिंदी में देंगे।

एक जिला कलेक्टर के पास उस जिले के नियोजन अनुमति (प्लानिंग परमिशन) का नियंत्रण होता है। वे मानव निर्मित या प्राकृतिक आपात स्थितियों के मामले में आगे कदम उठाने के लिए जिम्मेदार हैं। भले ही कलेक्टरों को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन वे राज्य सरकार की देख रेख में काम कर करते हैं।

यदि आप कलेक्टर की तैयारी कर रहे है तो इसके लिए आपको बहुत मेहनत करनी होगी, क्योंकि यह भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है परन्तु आप घबराये नहीं क्योंकि हम आपको हमारे इस आर्टिकल में कलेक्टर बनने की जानकारी हिंदी में विस्तार से देने जा रहे है उम्मीद करते है आपको आपके सारे सवालों के जवाब हमारे इस आर्टिकल ‘कलेक्टर कैसे बने’ में मिलेंगे।

कलेक्टर कैसे बने

कलेक्टर बनने के लिए आपको UPSC (संघ लोग सेवा आयोग) द्वारा आयोजित की जाने वाली CSE (सिविल सर्विस एग्जाम) परीक्षा को पास करना होता है जिसे आप ग्रेजुएशन बाद ही दे सकते है। इस एग्जाम को पास करने के बाद टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवार IAS बनते है। आईएएस की पोस्ट पर कुछ समय तक कार्य करने के बाद उन्हें प्रमोशन देकर जिला कलेक्टर बनाया जाता है।

१२वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने यह कई विद्यार्थियों के प्रश्न होते है यदि आपने अपनी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है तो आप इसके बाद कलेक्टर की तैयारी शुरू कर सकते है। परन्तु इस परीक्षा के लिए आप ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद ही आवेदन कर सकते है।

यदि आप कलेक्टर की तैयारी कर रहे है तो आपको कलेक्टर कौन होता है इसके बारे में तो पता होगा ही और यदि नहीं पता तो कोई बात नहीं हम आपको बता देते है।

कलेक्टर कौन होता है?

कलेक्टर किसी जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है। कलेक्टर जिले के हर छोटे बड़े निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी होता है। कलेक्टर, DM, IAS या जिसे हम आम भाषा में जिला अधिकारी कहते है देश का सबसे प्रतिष्ठित अधिकारी होता है और यह परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। कलेक्टर का कार्य सरकारी योजनाओं को लागू करवाना, आम जनता की समस्या को हल करना, कर वसूली तथा कानून व्यवस्था बनाये रखना व जिले की जानकारी सरकार को देना भी कलेक्टर या मजिस्ट्रेट का कार्य होता है।

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कलेक्टर के क्या कार्य होते है?

  • जिस जिले में कलेक्टर को पदोन्नत किया जाता है वहां की कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की ही होती है।
  • कलेक्टर का कार्य राजस्व और कर संग्रह की जानकारी रखना है।
  • जिले में कोई भी आपात स्थिति उत्पन्न होने पर जिला कलेक्टर प्रभारी अधिकारी होंगे।
  • कलेक्टर का कार्य जिलें में चुनाव करवाना एवं वहां की व्यवस्थाओं को देखना है।
  • एक कलेक्टर का कार्य दूसरों की परेशानियों को सुनना और उन्हें हल करना है।
  • नागरिकों को बेहतर स्वास्थ सेवाएं एवं उनके विकास लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना।
  • इन सब जिम्मेदारियों के अलावा एक जिला कलेक्टर के कार्य और भी कई सारे होते है।

कलेक्टर बनने के लिए क्या करे

यह परीक्षा ग्रैड 1 के अधिकारियों के लिए होती है जिसके लिए बहुत ही कम्पटीशन होता है।

  1. कलेक्टर बनने के लिए पहले उम्मीदवारों को सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) नामक प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) उत्तीर्ण करनी होगी। यह प्रारंभिक परीक्षा सभी सिविल सेवाओं IAS, IPS, IFS और IRS के लिए समान है।
  2. इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवार मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में भाग ले सकते है।
  3. UPSC आल इंडिया सर्विस की परीक्षा होती है जो हर साल दिसंबर या जून महीने में आयोजित की जाती है।
  4. हलांकि प्रत्येक राज्य द्वारा भी कलेक्टर के अलावा अन्य विभिन्न पदों की भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग (PSC) परीक्षा आयोजित की जाती है जैसे- मध्यप्रदेश राज्य में (MPPSC), उत्तरप्रदेश राज्य में (UPPSC)।

कलेक्टर बनने के लिए योग्यता

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले हमे उस परीक्षा के लिए मांगी जाने वाली पात्रताओं को पूरा करना आवश्यक है। इसलिए कलेक्टर परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले इसके लिए मांगी जाने वाली जरुरी योग्यताओं के बारे में जरूर पढ़ लें। कलेक्टर बनने के लिए योग्यता इस प्रकार है –

  • राष्ट्रीयता – UPSC परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को भारत का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
  • शैक्षणिक योग्यता – उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री है। जो लोग अपने अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं वे भी UPSC परीक्षा के लिए पात्र हैं।
  • आयुसीमा – जब वे UPSC की परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं तो उनका कम से कम 21 साल का होना अनिवार्य है।

यूपीएससी एग्जाम के लिए आरक्षित वर्गों को आयु एवं न्यूनतम प्रयासों में छूट का प्रावधान निर्धारित किया गया है जो कि इस प्रकार है –

वर्ग उम्र सीमा छूट कुल प्रयास
जनरल 21-32 वर्ष कोई छूट नहीं 6
अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) 21-37 वर्ष 5 वर्ष असीमित
अन्य पिछड़ी जाति (OBC) 21-35 3 वर्ष 9

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कलेक्टर कैसे बने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

सिविल सर्विस की परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, लेकिन अंतिम चयन के लिए, मुख्य (मेन्स) और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों पर आपका चयन किया जायेगा। आगे आपको कलेक्टर एग्जाम सिलेबस या जिला कलेक्टर सिलेबस बताया गया है:

चरण 1: पात्रता मानदंड को पूरा करें

कलेक्टर बनने या कलेक्टर के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए सबसे पहले उम्मीदवारों का अनिवार्य पात्रता मानदंड को पूरा करना आवश्यक है हमने इस लेख में सभी पात्रता मानदंड की जानकारी दी है।

चरण 2: यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करें

कलेक्टर बनने की सबसे पहली प्रक्रिया में यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करना शामिल है जो कि ओटीआर (वन-टाइम रजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया है परीक्षा के लिए आवेदन आप ऑनलाइन माध्यम कर सकते है। ध्यान रहे ऑनलाइन आवेदन के दौरान सभी जरुरी निर्देशों को अच्छे से पढ़े ले।

चरण 3: प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स एग्जाम) शामिल हों

यह कलेक्टर बनने के लिए प्रारंभिक परीक्षा होती है जिसमें दो पेपर होते है पहला सामान्य अध्ययन का और दूसरा सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट का। इन दोनों पेपर में 200-200 अंकों के वैकल्पिक प्रश्न होते है। इस परीक्षा को पास करने के बाद आपको मुख्य परीक्षा देनी होती है।

पेपर्सविषयअंकसमय
पेपर-1सामान्य अध्ययन2002 घंटे
पेपर-2एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)2002 घंटे
कुल-4004 घंटे

चरण 4: मुख्य परीक्षा (मेन्स एग्जाम) शामिल हों

इस परीक्षा में 9 मुख्य पेपर होते है। जिनमें से 2 पेपर को क्वालिफाइंग पेपर माना जाता है और बाकी के 7 पेपर आपकी रैंकिंग तय करते हैं।

  1. Paper A (Language) – इसमें कुल 18 भाषाओं में से आप अपनी पसंद की भाषा चुन सकते है यह पेपर भी 300 अंकों का होता है और इसके नंबर भी मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते है।
  2. Paper B (Language) English – यह पेपर 300 अंकों का होता है और इसके नंबर मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते है।
  3. एग्जाम पेपर I :- Essay – इस पेपर में आपको दिए गए 2 विषयों पर निबंध लिखना होता है यह पेपर कुल 250 अंकों का होता है।
  4. परीक्षा पेपर II :- सामान्य अध्ययन-1: यह पेपर कुल 250 अंकों का होता है जिसमें इतिहास, भूगोल और सामाजिकता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है।
  5. एग्जाम पेपर III :- सामान्य अध्ययन-2: इसमें राजनीति और शासन से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है यह पेपर भी कुल 250 अंकों का होता है।
  6. परीक्षा पेपर IV :- सामान्य अध्ययन-3: यह टेक्नोलॉजी, इकॉनमी, एनवायरनमेंट एंड डिजास्टर मैनेजमेंट से संबंधित 250 अंकों का पेपर होता है।
  7. पेपर V :- सामान्य अध्ययन-4: यह पेपर भी 250 अंकों का होता है जिसमें एथिक्स, इंटीग्रिटी और एप्टीट्यूड से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है।
  8. एग्जाम पेपर VI, VII :- वैकल्पिक पेपर: यह ऑब्जेक्टिव टाइप का पेपर होता है जो 500 अंकों का होता है।

चरण 5: साक्षात्कार (इंटरव्यू) शामिल हों

इन सारी परीक्षाओं को पूरा करने के बाद तीसरे चरण में आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है इंटरव्यू कुल 750 अंकों का होता है।

साक्षात्कार (इंटरव्यू) की तैयारी:-

  • इंटरव्यू की तैयारी अच्छे से करे, सबसे पहले अपना परिचय दे, परिचय संक्षिप्त में दे जैसे- अपना नाम, योग्यता, कार्य अनुभव, कौशल, इत्यादि।
  • उनके प्रश्नो को शांति पूर्वक सुने, सोच समझकर समय लेकर अपना जवाब दे।
  • अपडेट रहने के लिए स्थानीय समाचार पत्र का उपयोग करे, उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करे।
  • विद्यार्थी को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना अंग्रेजी में करना पड़ता है, अंग्रेजी अख़बार को पढ़ने की आदत से इसमें सुधार हो सकता है।

जब आप प्राथमिक और मुख्य परीक्षा पास कर लेते है तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। यही आपकी परीक्षा का अंतिम पार्ट होता है आप इंटरव्यू की तैयारी अच्छे से करे, इसके लिए किताबे पढ़े, ऑनलाइन या यूट्यूब पर इंटरव्यू देखे। अपने राज्य के बारे में अपडेट रहे।

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कलेक्टर की तैयारी कैसे करें?

हम सभी जानते होंगे की कलेक्टर बनना इतना आसान नहीं है इसके लिए आपको कड़ी मेहनत के साथ-साथ कई घंटों तक पढ़ाई भी करनी होती है। देश के लगभग हर बड़े जिले में ऐसे कोचिंग संस्थाएं है जो बैंक, रेलवे, एसएससी, यूपीएससी आदि की तैयारी करवाती है वहां आप इस एग्जाम की तैयारी कर सकते है। कलेक्टर बनने के लिए आपको कोचिंग में 3-4 घंटे पढ़ने के अलावा सेल्फ स्टडी भी करनी पड़ती है।

क्या सीधे कलेक्टर भर्ती हो सकती है?

नहीं, आप सीधे कलेक्टर नहीं बन सकते हो इसके लिए पहले IAS पद पर चयनित होना आवश्यक है। इसके लिए आपको CSE परीक्षा पास करनी होगी, आईएएस अधिकारी बनने के बाद आपको छः साल इस पद पर कार्य करना होगा फिर आईएएस अधिकारी को समय के साथ उसके काम को देखते हुए बड़े स्तर पर पदोन्नत किया जाता है।

सीएसई (CSE) क्या है

सीएसई (CSE) का पूरा नाम सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन (सिविल/नागरिक सेवा परीक्षा) है। यूपीएससी द्वारा विभिन्न तरह की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है उसमे से सीएसई भी एक प्रमुख परीक्षा है, जब विद्यार्थी इस परीक्षा को उत्तीर्ण करता है तब उसे IAS, IPS, IFS, इत्यादि विभिन्न पदों पर रेंक के अनुसार नियुक्ति दी जाती है।

कलेक्टर बनने के लिए सर्वप्रथम आपको सीएसई परीक्षा को पास करके आईएएस बनना होगा। आईएएस एक पद है जिसका पूरा नाम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) है। ध्यान रखने योग्य बात यह है की सीएसई का फॉर्म भरते समय आपको आईएएस को प्राथमिकता देनी होगी और परीक्षा परिणाम में लगभग (80वी) रैंक सामान्य प्राप्त की हो, तभी आपको आईएएस का पद मिलेगा। अगर अच्छी रैंक मिलने पर भी आपको आईएएस का पद नहीं मिला तो आपको आपके द्वारा फॉर्म भरते समय चयनित दूसरे व तीसरे पोस्ट मिलती है।

इस लेख में पढ़े आईएएस बनने से जुड़ी जानकारी:-  IAS Kaise Bane – आईएएस कैसे बने की पूरी जानकारी।

हर साल लाखो विद्यार्थी करते है तैयारी

हर साल यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमे लाखो विद्यार्थी शामिल होते है, यूपीएससी में सफल होना लाखो विद्यार्थी का सपना होता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपके पास दृंढ निश्चय होना चाहिए यह एक बहुत कठिन परीक्षा होती है इसमें सफल होने के लिए आपको दिन रात मेहनत करनी होगी। मेहनत के साथ इसमें समय भी ज्यादा लगता है, हर साल लाखो विद्यार्थी इसकी तैयारी करते है लेकिन बहुत कम विद्यार्थी ही अपना सपना पूरा कर पाते है।

निष्कर्ष

यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया हो तो शेयर करना न भूले ताकि दूसरों की भी मदद हो सके। अगर आपको हमारे आज के आर्टिकल में कोई भी परेशानी हो तो हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके ज़रूर बताये हम आपकी परेशानी को हल करने की पूरी कोशिश करेंगे। तो दोस्तों में आज के लिए बस इतना ही फिर मिलेंगे आपसे आपके करियर से संबंधित ऐसे ही लेख के साथ तब तक के लिए अवलिदा।

FAQs

  • कलेक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन करना होगा, फिर यूपीएससी एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा। इसके यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रीलिमिनरी, मेन्स एग्जाम और इंटरव्यू पास करना होगा।

  • 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने?

12वीं बाद कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको अपना ग्रेजुएशन पूरा करना होगा, फिर यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं को क्रैक करना होगा।

  • कलेक्टर के लिए सबसे अच्छा कौन सा विषय है?

कलेक्टर बनने के लिए आपको अपनी 12वीं कक्षा में आर्ट्स विषय को चुनना चाहिए, क्योंकि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का अधिकांश पाठ्यक्रम इससे से संबंधित होता है जिसमें जैसे- इतिहास, संविधान, नैतिकता आदि से प्रश्न पूछे जाते है। हालांकि कॉमर्स विषय भी इकॉनमी पार्ट के लिए थोड़ा मददगार सबित हो सकता है।

     

मैं 27 वर्ष का सुमित गोविन्द राव, इलाहबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में Ph.D. हूँ और मैने एक वरिष्ठ कॉलेज प्रोफेसर के रूप में 4 वर्ष से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT दिल्ली) में काम किया है। एक Ph.D. और प्रोफेसर होने के नाते, मैने दुनिया भर में शिक्षा, स्वास्थ, तकनीक और अन्य के बारे में लिखने के लिए हिंदी दुनिया वेबसाइट की शुरुआत की। Contact: [email protected]

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