Control Panel in Hindi – कंट्रोल पैनल क्या है, कंट्रोल पैनल का महत्व।

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कंट्रोल पैनल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज उपयोगकर्ताओं को प्रदान किया जाने वाला एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन होता है जो कंप्यूटर में महत्वपूर्ण सेटिंग्स को कस्टमाइज करने का विकल्प प्रदान करता है जैसे- Hardware सेटिंग्स, System & Security सेटिंग्स, Network & Internet सेटिंग्स, User Account की सेटिंग आदि। अगर आप भी इस सॉफ्टवेयर के बारे में बारे जानना चाहते है तो इस आर्टिकल में आपको कंट्रोल पैनल क्या है (Control Panel in Hindi) एवं कंट्रोल पैनल का महत्व क्या है? यह सभी जानने को मिलेगा।

यह विंडोज कंप्यूटर में प्रदान किया जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर एवं लैपटॉप की आंतरिक और बाहरी सेटिंग्स को कण्ट्रोल सकते है। हालांकि बहुत से लोगों को कंट्रोल पैनल में कौन सी सेटिंग होती है इस बारे में पता नहीं होता, इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको Control Panel Kya Hai एवं विंडो में कंट्रोल पैनल के महत्व की व्याख्या कीजिए आदि की पूरी जानकारी देंगे।

Control Panel Kya Hai

Control Panel Kya Hai

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में कंट्रोल पैनल उपयोगकर्ता को विभिन्न कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सुविधाओं को बदलने में सक्षम बनाता है। समय एवं दिनांक, माउस, डिस्प्ले, साउंड, नेटवर्क और कीबोर्ड इत्यादि सेटिंग्स को कंट्रोल पैनल में संशोधित किया जा सकता है। विंडोज में कंट्रोल पैनल कैसे दिखाई देता है, इसके उदाहरण नीचे दिए गए है।

Tip:- विंडोज 7, विंडोज 8 और विंडोज 10 में, आप जिस फीचर को समायोजित (Adjust) करना चाहते है, उसे सर्च के लिए आप कंट्रोल पैनल विंडो के टॉप राइट साइड में दिए गए Search Box का उपयोग कर सकते है। उदाहरण के लिए, कंट्रोल पैनल में ‘Date & Time’ सेटिंग्स को खोजने के लिए Date & Time लिखकर सर्च करें।

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विंडोज में कंट्रोल पैनल के महत्व की व्याख्या कीजिए

कंट्रोल पैनल में विंडोज उपयोगकर्ताओं के लिए कई सारे फंक्शन्स है जिनमें से सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले कुछ बेहतरीन फंक्शन्स इस प्रकार है:

1. Device Manager

डिवाइस मैनेजर कंट्रोल पैनल का एक फीचर है जिसका प्रयोग कंप्यूटर के इंटरनल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को आपस में सूचीबद्ध करने के लिए किया जाता है। जैसे- कंप्यूटर में माउस लगाना जो कि वह हार्डवेयर है। माउस की जो Functionality होगी वह एक सॉफ्टवेयर की सहायता से होगी। इन दोनों को आपस में कनेक्ट करने का कार्य डिवाइस मैनेजर ही करता है।

Device Manager Settings

2. File Explorer

फाइल एक्स्प्लोरर कंप्यूटर के सभी फोल्डर्स को कस्टमाइज करने का विकल्प प्रदान करती है। मतलब फोल्डर को आप सिंगल क्लिक क्लिक या डबल क्लिक या फिर उसी विंडो या दूसरी विंडो ओपन करना चाहते है। इसके अलावा इसकी मदद से आप फोल्डर को छुपा (Hide) या दिखा सकते है।

File-Explorer Settings

3. Display

आप विंडोज 10 में अपने डिस्प्ले को Text का आकार, रिज़ॉल्यूशन, कलर और बहुत कुछ करके इसे सही दिखने के लिए कस्टमाइज़ कर सकते है। डिस्प्ले सेटिंग्स आप कंप्यूटर के होम से भी कर सकते है, जिसमें आपको कंट्रोल पैनल से ज्यादा ऑप्शन मिलते है।

Display Settings

4. Font

यदि आप कंप्यूटर में कोई प्रेजेंटेशन तैयार करते है या फोटो एडिटिंग या फिर डिजाइनिंग करते है तो आपको Font के बारे में तो पता होगा। फॉण्ट ऑप्शन में आपके द्वारा जितने भी फोंट्स उपलब्ध है वो आपको इसमें दिखने को मिल जायेंगे। यदि आप कंप्यूटर में कोई नया फॉण्ट इंसटाल करना चाहते है या किसी फॉण्ट को डिलीट करना चाहते है तो वह इस विकल्प से कर सकते है।

Fonts Settings

5. Keyboard

इस विकल्प के द्वारा हम कीबोर्ड पर जो भी केरैक्टर लिखते है उनकी रिपीट स्पीड को कम या ज्यादा कर सकते है। इस ऑप्शन के द्वारा आपको की-बोर्ड में काफी ज्यादा बदलाव करने की आवश्यकता नहीं होती है।

Keyboard Settings

6. Mouse

माउस कंप्यूटर का बहुत ही महत्वपूर्ण हार्डवेयर पार्ट होता है जिसके बिना कंप्यूटर कार्य कर पाना संभव नहीं होता। कंट्रोल पैनल में आपको माउस बटन कॉन्फ़िगरेशन का ऑप्शन दिया गया होता है जिससे आप माउस के बटन को कस्टमाइज यानि मॉडल सकते है। मतलब राइट क्लिक से होने वाला काम आप लेफ्ट क्लिक से करवा सकते है या लेफ्ट क्लिक से होने वाला काम राइट क्लिक से करवा सकते है।

Mouse Settings

7. Troubleshooting

ट्रबलशूटिंग तकनीकी समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने की एक प्रक्रिया है। इसके द्वारा आप विंडो डिवाइस में आने वाली एरर्स को पहचान करके उनको हल कर सकते है। उदाहरण के लिए अगर आप कोई पुराने वर्जन का सॉफ्टवेयर उपयोग कर रहे है, पर आपने कोई नई विंडो इनस्टॉल की है और उस पर वह सॉफ्टवेयर वर्क नहीं कर रहा है तो आप ट्रबलशूटिंग की मदद से उस सॉफ्टवेयर को अपनी विंडो में चला सकते है।

Troubleshooting Settings
Troubleshooting Settings

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कंट्रोल पैनल की विशेषताएं

आगे आपको कंट्रोल पैनल के उपयोग या विषेशताओं के बारे में बताया गया है –

  • System and Security – कंप्यूटर की स्टेटस चेक करने, बैकअप और रिस्टोर एवं अन्य सेटिंग्स के लिए।
  • Network and Internet – कंप्यूटर नेटवर्क की स्टेटस चेक करने के लिए।
  • Hardware and Sound – आपके कंप्यूटर डिवाइस से कौन से एक्सटर्नल डिवाइस कनेक्टेड है।
  • Programs – प्रोग्राम को अनइंस्टाल करें।
  • User Accounts – यूजर की उपयोगिता की जाँच कर सकते है।
  • Appearance and Personalization – फोंट्स एवं रीडर आदि डेस्कटॉप के ऑप्शन चेंज कर सकते है।
  • Clock and Region – डेट और टाइम बदल सकते है।
  • Ease of access – डेस्कटॉप की डिस्प्ले सेटिंग अनुकूलित करें।

Conclusion

तो ये थी कंप्यूटर के कंट्रोल पैनल का वर्णन कीजिए एवं Control Panel in Computer in Hindi की जानकारी, जो आपको पसंद आयी होगी। उम्मीद करते है कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको आपके सभी प्रश्नों के जवाब यहां मिल गए होंगे, फिर भी यदि Explain the Importance of Control Panel in Windows in Hindi से संबंधित आपके को सवाल हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है। हमे आपकी सहायता करके ख़ुशी होगी।

यदि आपको विंडो में कंट्रोल पैनल के महत्व की व्याख्या कीजिए की जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें, ताकि अन्य लोगों को भी विंडो में कंट्रोल पैनल का क्या उपयोग है इस बारे में पता चल सके।

     

मैं 27 वर्ष का सुमित गोविन्द राव, इलाहबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में Ph.D. हूँ और मैने एक वरिष्ठ कॉलेज प्रोफेसर के रूप में 4 वर्ष से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT दिल्ली) में काम किया है। एक Ph.D. और प्रोफेसर होने के नाते, मैने दुनिया भर में शिक्षा, स्वास्थ, तकनीक और अन्य के बारे में लिखने के लिए हिंदी दुनिया वेबसाइट की शुरुआत की। Contact: [email protected]

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