Short Stories in Hindi – हिंदी नैतिक कहानियां बच्चों के लिए

5/5 - (1 vote)

Short Stories in Hindi – शॉर्ट स्टोरीज (Short Stories) या लघु कथा सुनना या पढ़ना किसे पसंद नहीं होता, आप सभी ने अपने बचपन में नाना-नानी और दादा-दादी से कहानियां तो जरुर सुनी होगी जो कि मनोरंजक तो होती हीं थीं, साथ ही बहुत प्रेरणादायक भी होती थीं, जैसे: राजा-रानी, परियों की कहानियां और भी ऐसी बहुत सी शॉर्ट स्टोरीज जो हमारा मनोरंजन करने के साथ हमे कुछ न कुछ सीख भी देती है. ऐसी ही कुछ प्रेरणादायक Short Hindi Story आज मैं इस लेख में बताऊंगी जिसे आप भी पढ़ सकते है और साथ ही अपने बच्चो या दूसरों को सुना भी सकते है, जिससे वे भी इन कहानियों से सीख ले सकें.

शॉर्ट स्टोरीज क्या होती है?

शॉर्ट स्टोरी को हिंदी में लघु कथा कहा जाता है. शॉर्ट स्टोरीज, उपन्यासों (नॉवेल) से छोटी होती हैं और उनकी तुलना में कम कठिन होती है. लघु कथाएं एक  घटना, एक क्षण या किसी विषय पर आधारित होती है. हिंदी कहानी (Kahani Hindi) या लघु कथाओं से लोगों को अंत में कुछ न कुछ अच्छी शिक्षा अवश्य मिलती है.

short_stories_in_hindi

Short Story In Hindi [2023]

कुछ लोकप्रिय प्रेरणादायक हिंदी कहानियां (Hindi Moral Story) नीचे दी हुई हैं जिन्हें आप अपने बच्चों को सुना सकते है और उन्हें इन कहानियों में मिलने वाली सीख से अच्छे और बुरे के बीच फर्क भी समझा सकते है. अगर आप बच्चों को ये Hindi Short Story सुनाएंगे तो उन्हें यह बहुत पसंद तो आएगी ही साथ ही इससे उन्ही कुछ न कुछ सीख भी जरूर मिलेगी.

1. शेर और चूहा: (Short Story In Hindi With Moral)

एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहता था. एक दिन की बात है शेर गहरी नींद में सो रहा था और चूहा सोते हुए शेर के ऊपर खेलने लगा जिससे शेर की नींद खुल गई और शेर को गुस्सा आ गया. शेर ने चूहे को पकड़ लिया, चूहा डर गया फिर उसने शेर से माफ़ी मांगी और कहा आज के बाद वो ऐसा नहीं करेंगा. शेर ने चूहे पर दया दिखाते हुए उसे छोड़ दिया.

एक दिन जंगल में शिकारी आए और शेर को पकड़ने के लिए शिकारियों ने जाल बिछाया. जिसमें शेर फस गया और घबरा गया. शेर को जाल में फसा हुआ देख चूहे ने जल्दी से अपने दांतों से जाल को काट दिया जिससे शेर आजाद हो गया और उसकी जान बच गई.

सीख:- आप किसी के साथ अच्छा करते हैं, तो आपके साथ भी अच्छा होता हैं.

2. शैतान सियार: (Short Story for Kids in Hindi)

एक शैतान सियार था। वह रोज अपने पास के गांव में जाता और लोगों के घर में जो भी मिलता उसे चुरा लेता था. ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा. रोज-रोज की चोरी से गांव के लोग भी परेशान हो गए थे, पर वो चोर को पकड़ नही पा रहे थे.

एक दिन गांव वालों ने सोचा की आज तो चोर को पकड़ कर ही रहेंगे. रात होते ही वो सब छुप कर चोर का इंतजार करने लगे. सियार चोरी करने आया और उसने देखा की सब गांव वाले चोर को ढूंढ़ रहे है तो वो छुप गया. उसे सामने से एक साधु आते हुए दिखाई दिया. सियार ने बड़ी नम्रता से साधु से कहा “मेरे पैर में चोट लग गई है कृपया मेरी मदद करें और मुझे मेरे घर तक छोड़ दें”

साधु बहुत दयालु था वो मान गया और उसे अपने झोले में बैठा लिया. जैसे ही वो सियार के घर के पास पहुंचे तो सियार जोर – जोर से चिल्लाने लगा, ” यहां है चोर, ये झोले वाला चोर” ऐसा चिल्लाते हुए भाग गया. गांव वाले वहां आए और साधु को चोर समझ कर उसकी बहुत पिटाई की.

सीख:- अनजान व्यक्ति पर कभी भी अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए.

3. टिड्डे और चींटी की कहानी: (Moral Stories in Hindi in Short)

एक समय कि बात है, एक टिड्डा और एक छोटी चींटी साथ-साथ रहते थे. वो बहुत अच्छे दोस्त थे. टिड्डा बहुत ही मनमौजी था. वो हरी-हरी घास खाता और सारा दिन इधर-उधर घूमते, नाचते गाते हुए बिता देता था. वहीं दूसरी तरफ छोटी चींटी रोज सुबह जल्दी उठती और अपने लिए लकड़िया, सूखे पत्ते और भोजन जमा करने लगती.

टिड्डे एक दिन चींटी के पास गया और बोला “तुम रोज इतनी मेहनत से खाना, लकड़ियां क्यों इक्ट्ठा कर रही हों?” देखो कितना अच्छा मौसम है, उसका आनंद लेने की जगह तुम मेहनत कर रही हों. चींटी ने उसे समझाया कि जल्दी ही सर्दियों का मौसम आने वाला हैं मेरी मानो तो तुम भी अपने लिए अभी से भोजन का इंतजाम करना शुरु कर दो, क्योंकि सर्दियों में आसानी से भोजन नही मिलता। पर टिड्डे ने चींटी की एक बात न मानी ऊपर से उसका मजाक उड़ाने लगा. टिड्डे ने सारा समय खेलने, कूदने और गाने में बिता दिया.

सर्दियों के दिन आ चुके थे. चारों तरफ तेज़ ठंडी हवाएं और बर्फ गिरना शुरू हो गयी थी. अब टिड्डे को खाने के लिए हरी घास भी नहीं मिल रही थीं. ठण्ड और भूख़ के कारण उसका बुरा हाल हो गया था. तब वह चींटी की बात याद करके पछताने लगा.

सीख:- अपने भविष्य एवं आने वाले समय को आनंददायक बनाने के लिए हमे वर्तमान में कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम करना चाहिए.

4. एकता की सीख: (Short Moral Stories in Hindi for Class 1)

एक समय की बात है. एक गाँव में एक आदमी रहता था उसके 3 पुत्र थे. तीनों पुत्र बहुत ही मेहनती थे, परन्तु आपस में उनकी एक भी नहीं बनती थी. वो हमेशा एक दूसरे से लड़ते रहते थे. उस आदमी ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की आपस में साथ मिल कर रहना चाहिए पर तीनों में कोई भी यह बात नहीं समझा.

समय बीतता गया, वह आदमी अब बूढ़ा हो चूका था. एक समय वह बहुत बीमार पड़ गया उसे लगा उसका अंत समय आ गया है. अंत समय में भी वो अपने तीनो पुत्र को लेकर परेशान था. वह अपने पुत्रो को एकता में कितनी शक्ति होती है यह समझाना चाहता था, इसलिए उसने तीनों को अपने पास बुलाया. और तीनो को एक-एक लकड़ी दी और कहा कि इसे तोड़ कर दिखाओ.

तीनो ने अपनी-अपनी लकड़ी तोड़ दी और अपने पिताजी से कहा की यह तो कितना आसान काम था. उनके पिताजी मुस्कुराये और फिर 10 लकड़ियों का एक गट्ठर दिया और कहा इसे एक साथ तोड़ कर बताओ. तीनो पुत्रो ने एक-एक करके प्रयास किया पर उस गट्ठर को तोड़ नहीं पाए और थक कर अपने पिताजी से बोले कि यह लकड़ियों का गट्ठर एक साथ नहीं तोड़ा जा सकता.

पुत्रों को समझते हुए उनके पिताजी ने मैं तुम लोगों को यही समझाना चाहता था कि एक साथ मिल कर रहोंगे तो तुम लोगो को कोई नुकसान नहीं पंहुचा सकता है. अगर तुम लोग आपस में लड़ोगे एक दूसरे का साथ नहीं दोगे तो कोई भी तुमको आसानी से हरा देगा। तीनो पुत्रों को बात समझ आ गयी और उन्होंने अपने पिताजी से कहा की अब से वो एक साथ रहेंगे.

सीख :- एकता में शक्ति होती है.

5. किसान का सपना (The Farmer’s Dream)

यह कहानी है एक गाँव के एक किसान के बारे में, जिसका नाम रामू था. वह गरीब था, लेकिन उसके दिल में एक अद्भुत सपना था.

रामू का सपना था कि वह अपने खेतों में सुन्दर फूलों की खेती करेगा. वह हर रोज़ सुबह उठकर खेतों की ओर देखता, और अपने सपने को सच करने की आशा से भरा रहता.

लेकिन एक समस्या थी – रामू के पास इस सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. वह गरीब था और उसके पास खेत की जमीन भी नहीं थी.

रामू के दोस्त और पड़ोसी लोग उसे हँसते और मजाक उड़ाते, क्योंकि उनको लगता था कि एक गरीब किसान के लिए ऐसा सपना पूरा नहीं हो सकता. लेकिन रामू ने हारने का नाम नहीं लिया.

वह कई सालों तक मेहनत किया, उधारी पैसों का सहारा लिया, और खुद को पर्याप्त समर्थन दिया. वह सुन्दर फूलों की खेती करने के लिए जड़ जमाते रहे और धीरे-धीरे उसके सपने को हकीकत बनाने के लिए कई सालों के बाद वह अपने खेत में सुन्दर फूलों की खेती करने लगा.

जब उसकी फूलों की खेती बड़ी हुई, तो गाँववाले उसकी मेहनत को सराहना करने लगे. रामू का सपना सच हो गया था, और वह अब खुश था क्योंकि उसने मेहनत करके अपना सपना पूरा किया था.

सीख :- इस कहानी से हमें सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और संघर्ष की महत्वपूर्णता समझाई जाती है. चाहे हमारे पास कितने भी संकट क्यों न आएं, अगर हमारी मेहनत और आग्रह मजबूत हो, तो हम किसी भी सपने को हकीकत बना सकते है.

6. तिन मित्र (Three Friends)

यह कहानी है एक गांव के तीन मित्रों की, जिनके नाम राम, श्याम, और हरी थे. वे बड़े अच्छे दोस्त थे और हर समस्या को साथ में सुलझाते थे.

एक दिन, वे एक गहरे जंगल में एक तालाब के पास पहुंचे. जब वे तालाब के किनारे पहुंचे, तो वहां एक पेड़ पर तीन सोने के पिंगणे लटके हुए थे. तीनों मित्रों को यह पिंगणे देखकर बड़ी खुशी हुई.

राम ने सोचा, “ये सोने के पिंगणे हमारे ख्वाब पूरे करने के लिए काफी पैसे दिलाएंगे. ” श्याम ने कहा, “हाँ, हम इन पिंगणों को बेचकर अमीर हो सकते है.”

हरी, जो सबसे समझदार था, ने सोचा, “हमें ध्यानपूर्वक सोचना चाहिए क्योंकि यह सोने के पिंगणे किसके हैं और क्या हमें इन्हें छूने का अधिकार है.”

राम और श्याम हरी की बातों को नकारते हुए पिंगणों को छूने के लिए तैयार हो गए। लेकिन जैसे ही वे पिंगणों को छूने के लिए आसपास कदम रखते हैं, एक भूतिया आवाज सुनाई देती है, “रुको! यह सोने के पिंगणे मेरे हैं और तुम उन्हें छूने की कोशिश कर रहे हो.” वे तीनों मित्र बहुत डर गए और तुरंत वहां से भागे.

जब वे वापस गांव पहुंचे, तो हरी ने दोस्तों को समझाया, “मेरे प्यारे मित्रों, आपने बिना सोचे-समझे यह कोशिश की हमें ये सोने के पिंगणे छूने का हक है, जब हमें उनके मालिक के इजाज़त तक नहीं मिली. इससे हमने उसका सम्मान नहीं किया और अच्छे दोस्ती का भंग किया.”

राम और श्याम अपनी गलती समझकर खेत में वापस गए और फिर कभी नहीं कोशिश की अन्य किसी की मालिकी में आने की.

सीख :- इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें दूसरों की संपत्ति और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए, और बिना उनकी इजाज़त के कुछ छूने का प्रयास नहीं करना चाहिए.

7. नन्हीं चिड़िया की कहानी

एक बार की बात है, एक छोटी सी चिड़िया एक बड़े और सुंदर वृक्ष पर अपना घर बना रही थी. वह अपने सपने और ख्वाबों के साथ जी रही थी और खुश थी क्योंकि वह जानती थी कि एक दिन वह भी बड़ी हो जाएगी.

एक दिन, एक बड़ा और शानदार पक्षी चिड़िया के पास आया और उससे मिलकर पूछा, “तुम इस छोटे से पेड़ पर क्यों बसी हो? तुम इस बड़े और उच्च वृक्ष पर क्यों नहीं जा सकती?” छोटी सी चिड़िया ने कहा, “मैं इस वृक्ष पर ही खुश हूँ और मैं यहां ही रहूंगी.”

बड़ा पक्षी मुस्कुराया और कहा, “तुम जैसी चीजें सपने देखने के लिए हैं, लेकिन तुम बड़ी नहीं हो सकतीं. तुम्हारे पंख छोटे हैं, तुम उच्च नहीं उड़ सकतीं.”

छोटी सी चिड़िया थोड़ी देर सोचने के बाद कही, “शायद मेरा पंख छोटा हो, लेकिन मेरे सपने बड़े है. मैं कभी नहीं हारूंगी, और मैं अपने सपनों को पूरा करूंगी.”

इसके बाद, वह अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाती ही गई, मेहनत की और अपने पंखों को मजबूती से व्यायाम करने लगी. वह रोज़ उच्च उड़ने का प्रयास करती रही और कभी-कभी गिर जाती, लेकिन वह कभी नहीं हारी.

कुछ समय बाद, वह चिड़िया वाकई उच्च उड़ने लगी और अपने सपनों को पूरा किया. वह बड़ी हो गई और अब वह अपनी मिसाल के रूप में सभी छोटे चिड़ियों को दिखाती थी कि आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं अगर आपके पास इच्छाशक्ति और मेहनत हो.

सीख :- “नन्हीं चिड़िया” कहानी बच्चों को यह सिखाती है कि वे किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, चाहे उनके पास कितनी भी कम या छोटी वस्तुएँ हों.

8. कर भला तो हो भला

यह कहानी एक गांव के एक छोटे से लड़के के बारे में है, जिसका नाम रामु था रामु गरीब परिवार से था, लेकिन उसमें एक खास बात थी – वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार था.

एक दिन, रामु अपने दोस्त सुरज के साथ बाग़ में खेल रहा था। बाग़ के पेड़ों पर फल थे, और वे दोनों फल तोड़ने लगे. तभी उनके पास एक अच्छा दृष्टिकोण आया – उन्हें उन तोड़े हुए फलों को गांव के गरीब लोगों के साथ साझा करने का विचार आया.

रामु और सुरज ने अपने फलों को एक झोले में रख दिया और गांव के गरीबों के पास पहुंच गए। वहां पर कई गरीब परिवार थे जो भूख से तड़प रहे थे. जब रामु और सुरज ने उन्हें फल दिया, तो उनका दर्द कम हो गया.

यह घड़ी देखकर गांव के अन्य बच्चे भी रामु और सुरज के साथ हो गए और वे सभी एक साथ मिलकर गरीबों की मदद करने लगे. इससे गांव का माहौल बहुत अच्छा हुआ.

रामु और सुरज के द्वारा शुरू हुआ इस साझा कार्य का परिणाम यह हुआ कि गांव के लोग अब अकेले नहीं, बल्कि एक साथ मुश्किलों का सामना कर रहे थे. उनका साथीपन और मिलकर काम करने का आदत बन गया.

सीख :-इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कर्म करना हमेशा अच्छा होता है और दूसरों की मदद करने से हम स्वयं भी खुश और संतुष्ट होते है. रामु ने दिखाया कि “कर भला तो हो भला” है, और उसके कर्मों ने गांव को सदैव खुशियों से भर दिया.

9. पांच भाई की जादुई कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में पांच भाई रहते थे. इनमें सबसे छोटे भाई का नाम गोपाल था. गोपाल के पास एक जादूगर की पुस्तक थी, जिसे उसने गांव के वृद्ध जादूगर से मिलकर प्राप्त किया था.

एक दिन, गोपाल ने पुस्तक से एक जादू सीखा, जिससे वह सुना का ब्राह्मण बन सकता था. वह अपने बड़े भाईयों से बोला, “मुझे ब्राह्मण बनना है और ज्ञान प्राप्त करना है.”

गोपाल के बड़े भाई इस विचार से सहमे और उन्होंने उसे रोकने की कोशिश की, क्योंकि उन्हें डर था कि गोपाल के जादू से समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है. लेकिन गोपाल ने अपने आप को उनके विचार से अलग किया और ज्ञान प्राप्त करने की दिशा में बढ़ा.

गोपाल की मेहनत और उसके जादू के सामर्थ्य के कारण, वह एक प्रमुख ब्राह्मण बन गया. उसके बड़े भाई जब यह देखे, वे भी उसके पास आकर उससे जादू सीखने लगे. गोपाल ने उन्हें इसके लिए तैयार किया और वे भी जादू सीखने लगे.

इसके बाद, गोपाल के और उसके भाईयों के बीच में एक अच्छा संबंध बन गया और वे साथ में अपने जीवन के सफर पर निकले. उन्होंने अपने जादू कौशल का उपयोग लोगों की मदद के लिए किया और अपने गांव को समृद्धि और सुख-शांति की दिशा में मदद की.

सीख :-इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सहानुभूति और सहयोग के साथ जीवन को सफलता की ओर बढ़ाने में मदद मिलती है. गोपाल और उसके भाईयों ने एकदूसरे का साथ दिया और साथ मिलकर समस्याओं का समाधान ढूंढा.

10. चिड़िया और खरगोश की कहानी

यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहाँ एक सुंदर चिड़िया और खरगोश बहुत अच्छे दोस्त थे. वे एक-दूसरे के साथ बहुत समय बिताते थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ खुश रहते थे.

एक दिन, चिड़िया ने खरगोश से कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, मेरी एक बहुत बड़ी ख्वाहिश है कि मैं कभी आसमान की ऊँचाइयों तक उड़ सकूं.”

खरगोश ने मुस्कराते हुए कहा, “तुम्हारी ख्वाहिश पूरी होनी चाहिए, पर मैं तो धरती पर रहता हूँ और मेरे पास पंख नहीं है.”

चिड़िया ने खरगोश को धन्यवाद दिया और कहा, “तुम मेरी मदद कर सकते हो. मुझे तुम्हारी ताक़त की जरूरत है.”

खरगोश ने सोचा और तय किया कि वह अपने दोस्त की ख्वाहिश पूरी करने में मदद करेगा. वे मिलकर एक योजना बनाईं.

खरगोश ने चिड़िया के पास आकर उसके पैरों के नीचे एक टार बांध दिया और उसे कहा, “अब तुम उड़ सकोगी.”

चिड़िया ने उड़ने का प्रयास किया और देखा कि वह अब आसमान की ऊँचाइयों तक उड़ सक रही थी. वह खुशी खुशी आसमान में उड़ गई और फिर धरती पर वापस आई.

चिड़िया ने खरगोश का आभार व्यक्त किया और खरगोश ने उसे यह सिखाया कि सच्चे दोस्त हमें हमारी ख्वाहिशों की पूर्ति करने में मदद कर सकते है.

सीख :-इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दोस्ती और साथीपन कितना महत्वपूर्ण होता है, और यह हमें दिखाता है कि अगर हम एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो हम साथ में किसी भी मुश्किल को पार कर सकते है.

निष्कर्ष

हर माता-पिता चाहते है कि वो अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छी सीख दें इसलिए पेरेंट्स उ न्हें शॉर्ट स्टोरीज के माध्यम से जीवन का पाठ पढ़ाते है. शॉर्ट स्टोरीज से बच्चों के दिमाग पर विशेष प्रभाव पड़ता है, जिससे वो सही और गलत के बीच अंतर समझ पाते है. मैंने इस लेख में आपको कुछ बेहतरीन Story For Kids In Hindi बतायी है. साथ ही उन स्टोरीज से हमें क्या सीख मिलती है, यह भी बताया है जिन्हें आप अपने बच्चे के साथ शेयर कर सकते है. धन्यवाद!

     

मैं 27 वर्ष का सुमित गोविन्द राव, इलाहबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में Ph.D. हूँ और मैने एक वरिष्ठ कॉलेज प्रोफेसर के रूप में 4 वर्ष से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT दिल्ली) में काम किया है। एक Ph.D. और प्रोफेसर होने के नाते, मैने दुनिया भर में शिक्षा, स्वास्थ, तकनीक और अन्य के बारे में लिखने के लिए हिंदी दुनिया वेबसाइट की शुरुआत की। Contact: [email protected]

Leave a Comment